सावन का महत्व 

सावन का महीना, भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपराओं में विशेष महत्व रखता है। यह महीना हिंदू कैलेंडर का पांचवा महीना होता है और इसे श्रावण मास के नाम से भी जाना जाता है।

 

इस साल 22जुलाई 2024 से यह सावन महीना शुरू हो रहा है। इस साल सावन महीना सोमवार से ही शुरू हो रहा है , जो की बहुत सालों  बाद ऐसा सुनहरा अवसर प्राप्त हुआ है, इस साल सावन महीने में 5 सोमवार होंगे । इस महीने में भगवान शिव की उपासना का विशेष महत्व होता है। सावन में शिव की उपासना करने से भक्तों को विशेष फल प्राप्त होते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।देवशयनी एकादशी के  बाद में भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं ,ऐसे में जगत की रक्षा का भार महादेव जी पर ही होता है इसलिए इस समय महादेव की आराधना का विशेष महत्व है।

सावन का महीना वर्षा ऋतु का महीना होता है, जब प्रकृति अपने सबसे सुन्दर रूप में होती है। खेत-खलिहान हरियाली से भर जाते हैं, पेड़-पौधे नए जीवन का संचार करते हैं और मौसम भी खुशनुमा होता है। इस महीने का नाम ‘सावन’ संस्कृत शब्द ‘श्रवण’ से लिया गया है, जिसका अर्थ है सुनना। ऐसा माना जाता है कि इस महीने में भगवान शिव की विशेष कृपा होती है और उनकी उपासना करने से भक्तों को अद्वितीय शांति और सुख की प्राप्ति होती है।

भगवान शिव की उपासना का महत्व 
भगवान शिव को संहारकर्ता, पुनर्रचयकर्ता और कल्याणकारी देवता के रूप में जाना जाता है। शिव पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में भगवान शिव की महिमा का वर्णन मिलता है। सावन के महीने में भगवान शिव की उपासना करने से विशेष लाभ होते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस महीने में भगवान शिव की उपासना करने से भक्तों के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।

सावन में किए जाने वाली विशेष उपाय

1. रुद्राभिषेक: रुद्राभिषेक भगवान शिव की उपासना का एक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली तरीका है। इसमें शिवलिंग पर विभिन्न सामग्रियों जैसे दूध, दही, घी, शहद, गंगा जल आदि से अभिषेक किया जाता है। यह अभिषेक भक्तों के पापों का नाश करता है और उन्हें सुख-समृद्धि प्रदान करता है।

2. व्रत : सावन के महीने में सोमवार का व्रत रखना अत्यंत शुभ माना जाता है। सोमवार को भगवान शिव का दिन माना जाता है और इस दिन व्रत रखने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस व्रत में पूरे दिन उपवास रखा जाता है और शाम को पूजा-अर्चना के बाद ही भोजन किया जाता है।

3. महामृत्युंजय मंत्र: सावन के महीने में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। यह मंत्र भगवान शिव के शक्तिशाली मंत्रों में से एक है और इसे जपने से भय, रोग और दुखों का नाश होता है। इस मंत्र का नियमित जाप करने से दीर्घायु और आरोग्यता की प्राप्ति होती है।

4. श्रावण सोमवार की पूजा: सावन के महीने में विशेषकर सोमवार को भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। इस पूजा में बेलपत्र, धतूरा, भांग, अक्षत, चन्दन, फूल, फल आदि से भगवान शिव की पूजा की जाती है। इसे श्रावण सोमवार की पूजा कहते हैं और इसे करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है।

5. रुद्राक्ष धारण करना:  सावन के महीने में रुद्राक्ष धारण करना चाहिए इससे हमें विशेषरूप से शिव कृपा प्राप्त होती है। सावन माह में भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं ,ऐसे में जगत की रक्षा का भार महादेव जी पर ही होता है इसलिए इस समय महादेव की आराधना का विशेष महत्व है।आप कोई भी रुद्राक्ष शिवलिंग से स्पर्श कर के पहन सकते हैं।

 

सावन में किये जाने वाले विशेष अनुष्ठान

1. कांवड़ यात्रा: सावन के महीने में भक्तगण कांवड़ यात्रा पर निकलते हैं। इसमें भक्त कांवड़ में गंगा जल भरकर पैदल यात्रा करते हुए भगवान शिव के मंदिर में अर्पित करते हैं। यह यात्रा भक्तों की श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है।

2. शिव सहस्रनाम  स्तोत्र का पाठ: सावन के महीने में शिव सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करना भी अत्यंत शुभ माना जाता है। शिव सहस्रनाम स्तोत्र  में भगवान शिव के 1000 नाम हैं। जिसका पाठ करने से भक्तों को भगवान शिव की  विशेष कृपा प्राप्त होती है।एक बार  असुरों की शक्ति बहुत बढ़ गई तो उन्हें परास्त  करने के लिए भगवान विष्णु ने शिवजी की घोर तपस्या की ।भगवान विष्णु प्रतिदिन  शिव सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ किया करते  थे और हर नाम के पाठ के बाद 1 कमल का पुष्प अर्पित किया लेकिन एक दिन  आखिरी पुष्प भगवान शिव की माया से लुप्त हो गया । तो भगवान विष्णु ने अपना एक नेत्र शिवजी को अर्पित किया ( क्योंकि भगवान विष्णु को कमललोचन भी कहते हैं ) ऐसी कठोर तपस्या से शिवजी अत्यंत प्रसन्न हो गए और वहा पर प्रकट हुए और विष्णु जी को सुदर्शन चक्र प्रदान किया।फिर विष्णु जी ने असुरों का संहार किया।

3. गंगा स्नान: भगवान शिव की जटाओं में माता गंगा समाई हैं और उनकी जटाओं से ही इस धरती पर अवतरित हुई हैं। श्रावण मास में गंगा स्नान का विशेष महत्व है।इस स्नान से हमारे पापों का नाश होता है और हम पवित्र होते हैं।

4. ध्यान और साधना: चातुर्मास के शुरू होते ही हम सभी का ध्यान दुनियादारी से बाहरी दुनिया से हट के अपने अंदर की तरफ मुड़ जाता है। ऐसे में हम जो भी काम करे उसमे हमारा ध्यान बहुत बढ़ जाता है, एकाग्रता बढ़ती है।

ऐसे में हमें ध्यान , उपासना ,शास्त्र अध्ययन अवश्य करना चाहिए।सावन के महीने में भगवान शिव का ध्यान और साधना करना भी अत्यंत लाभकारी माना जाता है। यह साधना मानसिक शांति और आत्मिक उन्नति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होती है।

सावन में ध्यान रखने योग्य बातें

ब्रह्मचर्य: सावन के महीने में विशेष रूप से ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए पूजा , अनुष्ठान करना चाहिए। ब्रह्मचर्य से आपका किया हुए अनुष्ठान,जाप से उत्पन्न हुई ऊर्जा आपका शरीर ग्रहण कर लेगा और आपका तेज बढ़ेगा। इसके साथ ही आपको भूमिशयन भी करना चाहिए।

शुद्धता: सावन के महीने में भगवान शिव की उपासना करते समय शुद्धता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। पूजा के लिए उपयोग होने वाली सभी सामग्रियों की शुद्धता का ध्यान रखना आवश्यक है।
व्रत का पालन: व्रत के दौरान नियमों का पालन करना आवश्यक होता है। व्रत के दौरान गलत आचरण, मांसाहार, मद्यपान आदि से बचना चाहिए। आप चाहे तो पूरे सावन फलाहार भी कर सकते हैं या एक समय भोजन भी कर सकते हैं। आयुर्वेद के अनुसार वर्षा ऋतु में हमारी जठराग्नि कम होती है इसलिए भोजन अच्छे से नही पच पाता । इसीलिए आप व्रत रखेंगे तो आपको आध्यात्मिक और शारीरिक दोनो लाभ प्राप्त होता है।
सेवा और दान: इस महीने में सेवा और दान का भी विशेष महत्व होता है। जरूरतमंदों की सहायता करना और उन्हें भोजन, वस्त्र आदि दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

सावन का महीना भगवान शिव की उपासना और भक्ति का महीना होता है। इस महीने में भगवान शिव की उपासना करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। सावन के पवित्र महीने में भगवान शिव की उपासना करके हम अपने जीवन को धन्य बना सकते हैं। भगवान शिव की उपासना से हमें आत्मिक शांति और मनोबल प्राप्त होता है, जो हमारे जीवन को सफल और सुखमय बनाता है। सावन के महीने में भगवान शिव की उपासना करके हम अपने जीवन में आने वाली सभी समस्याओं का समाधान पा सकते हैं और जीवन को सफल बना सकते हैं।

सावन के पवित्र महीने में भगवान शिव की उपासना करें और उनकी कृपा प्राप्त करें। भगवान शिव की महिमा अपरंपार है और उनकी उपासना से हमें सभी प्रकार के सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। सावन के महीने में भगवान शिव की उपासना करके हम अपने जीवन को सफल और सुखमय बना सकते हैं।

हर हर महादेव!

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