मकर संक्रांति का महत्त्व और रहस्य

मकर संक्रांति का महत्त्व और रहस्य | Makar Sankranti Significance in Hindi

 

 

 

“नमस्कार दोस्तों! स्वागत है  आज हम बात करेंगे मकर संक्रांति के त्योहार की, जो केवल एक पर्व नहीं बल्कि एक आध्यात्मिक और वैज्ञानिक महत्व से भरा हुआ पर्व है। जानेंगे इस त्योहार के पीछे की पौराणिक कथा, धार्मिक महत्व, और इसे मनाने के सही तरीके।”

 

 

 

Segment 1: मकर संक्रांति क्या है? 

 

“मकर संक्रांति हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जो इस साल 14 जनवरी 2025 को मनाया जा रहा   है। यह सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का प्रतीक है।

 

इस दिन सूर्य उत्तरायण होता है, यानी दिन लंबे और रातें छोटी होने लगती हैं। यह समय आध्यात्मिक साधना और शुभ कार्यों के लिए आदर्श माना जाता है।”

 

 

Segment 2: मकर संक्रांति का पौराणिक महत्व 

 

“इस पर्व से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं हैं:

 

1. भगवान विष्णु की कथा: इस दिन भगवान विष्णु ने असुरों का संहार कर धरती पर धर्म की स्थापना की थी।

 

 

2. भीष्म पितामह की कथा: महाभारत के अनुसार, भीष्म पितामह ने सूर्य के उत्तरायण होने पर ही शरीर त्यागने का निर्णय लिया।

 

 

3. गंगा अवतरण की कथा: इसी दिन गंगा जी ने भगीरथ के तप से प्रसन्न होकर कपिल मुनि के आश्रम में प्रवेश किया।”

 

 

 

Segment 3: मकर संक्रांति का धार्मिक महत्व 

 

“मकर संक्रांति को धर्म और आध्यात्मिकता का पर्व माना गया है।

 

 

1. दान-पुण्य का महत्व: इस दिन तिल, गुड़, अन्न, और कपड़ों का दान करना बहुत शुभ माना जाता है।

 

 

2. स्नान का महत्व: गंगा, यमुना, और अन्य पवित्र नदियों में स्नान से पापों का नाश होता है।

 

 

3. पवित्र कार्यों की शुरुआत: इस दिन नए कार्य, जैसे विवाह, गृह प्रवेश आदि, शुभ माने जाते हैं।”

 

 

Segment 4: मकर संक्रांति कैसे मनाई जाती है? 

 

“भारत के विभिन्न हिस्सों में इसे अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है:

 

 

1. उत्तर भारत: तिल-गुड़ और खिचड़ी का सेवन किया जाता है। पतंगबाजी का खास महत्व है।

 

 

2. महाराष्ट्र: महिलाएं ‘हल्दी-कुमकुम’ का आयोजन करती हैं।

 

 

3. पश्चिम बंगाल: गंगा सागर मेले में लाखों लोग स्नान करते हैं।

 

 

4. दक्षिण भारत: इसे पोंगल के नाम से मनाया जाता है।”

 

 

Segment 5: मकर संक्रांति का वैज्ञानिक महत्व 

 

“यह पर्व न केवल धार्मिक है बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।

 

 

1. सूर्य की दिशा: सूर्य की उत्तरायण गति से फसलों के पकने का समय शुरू होता है।

 

 

2. मौसम परिवर्तन: ठंड कम होने लगती है और वसंत ऋतु का आगमन होता है।

 

 

3. स्वास्थ्य: तिल और गुड़ सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं और सर्दी में शरीर को गर्म रखते हैं।”

 

 

 

 

“तो दोस्तों, मकर संक्रांति सिर्फ

एक त्योहार नहीं, बल्कि धर्म, संस्कृति और विज्ञान का संगम है।

 

 

 

जय श्री कृष्णा!”