jakhooसभी देशवासी बेसबरी से उन पलो का इंतजार करते हैं कि जब 500 साल के लंबे इंतजार के बाद राम लला दोबारा से अपने भव्य और दिव्य मंदिर में विराजमान होंगे। हिमालय का संबंध पौराणिक काल से ही ऋषि, मुनिओ और साधको से रहा है। हिमाचल का संबंध भगवान शिव और मां पार्वती से है। यहाँ पर अनेक देव स्थान है।शिव पर्वत, कंदराओं और पर्वत शिखरों पर निवास करते हैं। हिमाचल में शिव जी के कई निवास स्थान मने जाते हैं। जिनमें मणिमहेश, किन्नर कैलाश और श्री खंड शामिल हैं।

जाखू मंदिर – हनुमान जी का दिव्य मन्दिर

पौराणिक कथा 

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में स्थित जाखू को यक्षों का निवास स्थान माना जाता है। मान्यता के अनुसर जाखू पर्वत पर रहने वाले यक्ष का उद्धार हनुमान जी ने उसवक्त  किया , जब वे संजीवनी बूटी लेने के लिए आए थे। कहा जाता है कि यहां रहने वाले जाखू ऋषि ने हनुमान जी को संजीवनी बूटी का रास्ता बताया था जब वे लक्ष्मण जी के प्राण बचाने के लिए हिमालय जा रहे थे।

 

लक्ष्मण बेहोशी की हालत में थे और भगवान हनुमान लक्ष्मण को बचाने के लिए संजीवनी लेने के लिए पहाड़ पर गए। हनुमानजी ने बहुत से पौधे देखे और वे मृतसंजीवनी को पहचान नहीं सकेसमय बचाने और लक्ष्मण को पुनर्जीवित करने के लिए हनुमान जादुई जड़ी-बूटियों से पूरे पर्वत को उठाकर ले आए।

जाखू ऋषि ने हनुमान जी से प्रार्थना की कि वे संजीवनी बूटी प्राप्त होने पर यहीं से आएं। हनुमान जी मान गए. लेकिन हनुमान जी समय के प्रभाव के कारण दूसरे रास्ते से आए, लेकिन बाद में उन्हें अपना वचन याद आया तो उन्हें मूर्ति के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई गई। जाखू ऋषि के नाम पर इस पहाड़ी का नाम जाखू और इस मंदिर का नाम जाखू मंदिर है।

त्रेतायुग से यहाँ मंदिर स्थित है।शुरुआत में यहां पर एक लकड़ी का एक छोटा सा मंदिर था, जिसकी ढलवां छत पर पत्थर की स्लेट लगी थी। लेकिन समय के साथ यहां पर सब कुछ बदल गया। अब यहां हनुमान जी की 108 फीट की बहुत ही बड़ी प्रतिमा है, साथ ही हनुमान जी की प्राचीन प्रतिमा भी मंदिर में है। यहाँ विशाल प्रतिमा बहुत दूर से ही नज़र आती है। आज के समय में आप यहां उड़नखटोले से भी जा सकते हैं।सभी श्रद्धालुओ को यहाँ पर एक बार अवश्य आना चाहिए और हनुमान जी का आशीर्वाद लेना चाहिए यहाँ पर आपको बहुत से बंदर भी मिलेंगे।यहाँ पर बंदर बहुत ही शरारती है और यात्रियों का सामान भी कभी कभी छीन लेते हैं। इसलिए इनसे संभलकर ही यात्रा करें।

 

 

हनुमान जी की गदा का नाम क्या है?

धन के राजा कुबेर ने हनुमान जी को गदा देते वक्त ये वरदान दिया था, कि आप जब भी इस गदा को हाथ में लेकर युद्ध करेंगे तो कभी परास्त नहीं होंगे. हनुमान जी की गदा सोने से बनी विशाल और बेहद वजनी थी. बजरगंबली की गदा का नाम था कौमोदकी.

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